बिरजभासा में लोकगीत

काऊ दिन उठैगौ मेरौ हात बलम तोय ऐसें मारुंगी

टेक- काऊ दिन उठैगौ मेरौ हात बलम तोय ऐसें मारुंगी
1. चकरा मारुं,बेलन मारुं डेगची मारुंगी
जब तेरी मईया आबै ओर लैबे कूं वाके लंहगाय फारुंगी
काऊ दिन उठैगौ मेरौ हात बलम तोय ऐसें मारुंगी

2. फूंकना मारुं चिमटा मारुं खटौती मारुंगी
जब तेरी बहिना ओर लैबे कूं वाकी चुटियाए उखारुंगी
काऊ दिन उठैगौ मेरौ हात बलम तोय ऐसें मारुंगी

3. डंडा मारुं,धनकुटा मारुं,चप्‍पल मांरुगी
जब तेरौ बाप उठै ओर लैबे कूं याकी गौंछन नै उखारंगी
काऊ दिन उठैगौ मेरौ हात बलम तोय ऐसें मारुंगी

कब की ठाडी मैं बाट देखरई नहाजा-नहाजा रसिया

1. कब की ठाडी मैं बाट देखरई नहाजा-नहाजा रसिया
मैं तौ आई पटिया जुआन बारौ पायौ रसिया
अब की करबट कौ कसालौ कर्रौ पर जा रसिया
नीचैं परै बहू पै जोर ऊपर रोबै रसिया

2.कब की ठाडी मैं बाट देखरई जैंजा-जैंजा रसिया
मैं तौ आई पटिया जुआन बारौ पायौ रसिया
अब की करबट कौ कसालौ कर्रौ पर जा रसिया
नीचैं परै बहू पै जोर ऊपर रोबै रसिया

3.कब की ठाडी मैं बाट देखरई पानी पीजा रसिया
मैं तौ आई पटिया जुआन बारौ पायौ रसिया
अब की करबट कौ कसालौ कर्रौ पर जा रसिया
नीचैं परै बहू पै जोर ऊपर रोबै रसिया

अरी मेरी सास बडी बदमास कै रोटीन्‍नै धर गई आरे में

टेक-अरी मेरी सास बडी बदमास कै रोटीन्‍नै धर गई आरे में।
आरे कौ लगा गई तारौ कै तारीय लै गई नारे में।
अरी मेरे पढकैं आये भरतार कै ठाडी रो रई तिवारे में
अरी गोरी सच-सच बतइयौ काईकूं रो रई तिवारे में
अरे राजा तिहारी अम्‍मा बदमास कै रोटीन्‍नै धर गई आरे में
आरे कौ लगा गई तारौ कै तारीय लै गई नारे में।
अरे गोरी छै महिना गम खाओ अबकैं अईयौ नियारे में।
अरे राजा नियारे में बडे- बडे दुख बालक रोमें गिरारे में
अरी गोरी पत्थर ते फोरूं तेरौ मूंड कै अबकैं रोइयौ तिवारे में