चरण रज राधा प्यारी की ।
तेरी बिगड़ी बना देगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [1]

तू बस एक बार श्रद्धा से, लगा कर देख मस्तक पर ।
सोयी किस्मत जगा देगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [2]

दुखों के घोर बादल हों, या लाखों आंधियां आयें ।
तुझे सबसे बचा लेगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [3]

तेरे जीवन के अन्धिआरों में, बन के रोशन तुझको ।
नया रास्ता दिखा देगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [4]

भरोसा है अगर सच्चा, उठा कर फर्श से तुझको ।
तुझे अर्शों पर बिठा देगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [5]

लिखे महिमा चरण रज की, नहीं है ‘दासʼ की हस्ती ।
तुझे दासी बना लेगी, चरण रज राधा प्यारी की ॥ [6]