मेरौ बारौ सो कन्हैंया कालीदह पै खेलन आयो री
मेरौ बारौ सो कन्हैंया कालीदह पै खेलन आयो री
ग्वाल-बाल सब सखा संग में गेंद को खेल रचायौरी
काहे की जाने गेंद बनाई काहे को डण्डा लायौरी
रेशम की जानें गेंद बनाई, चन्दन को डण्डा लायौरी
मारौ टोल गेंद गई दह में गेंद के संग ही धायौरी
नागिन जब ऐसे उठि बोली, क्यों तू दह में आयौरी
कैं तू लाला गैल भूलि गयो, कै काऊ ने बहकायौरी
कैसे लाला तू यहाँ आयो, कैं काऊ ने भिजवायोरी
ना नागिन मैं गैल भूल गयो, ना काऊ ने बहकायौरी
नागिन नाग जगाय दे अपनों याहीकी खातिर आयौरी
नाँय जगाये तो फिर कहदे ठोकर मारि जगायौरी
हुआ युद्ध दोनों में भारी, अन्त में नाग हरायौ री
नाग नाथि रेती में डारौ फन-फन पे बैंन बजायौरी
रमनदीप कूँ नाग भेज दियौ फनपै चिन्ह लगायौरी
‘घासीराम’ ने रसिया कथिके, भर दंगल में गायौरी
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