आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है, मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
1.फूलों में महक तुम से,तालों में चमक तुमसे
महक तो बता बाबा,तुम कहां पर नहीं रहते
तुम नहीं होते तो दुनिया नहीं रहती
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
2. फूलों में महक तुमसे,तालों में चमक तुमसे
चन्दा में ललक तुमसे,सूर्य में चमक तुमसे
बरफों में सीतलता,अग्नि में धधक तुमसे
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
3.फूलों में महक तुमसे,तालों में चमक तुमसे
यह तन भी तुम्हारा है,यह मन भी तुम्हारा है
किसको छोडूं भगवान,यह धन भी तुम्हारा है
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
4.फूलों में महक तुमसे,तालों में चमक तुमसे
धरती तुम्हारी है,यह गगन भी तुम्हारा है
किसको छोडूं भगवान,यह रचना तुम्हारी है
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
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