ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
टेक- ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
1. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें गरमी लग आई भगवान
मेरे पिछवारे कलस भरे, नभायाई हो तौ नहालै मेरे राम
ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
2. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें भूक लग आई भगवान
छप्पन भोग रखे मेरे आगैं, जिमायाई हो तौ जैंलै राम
ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
3. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें तौ प्यास लग आई भगवान
- और पढ़ौ
- अपने बिचार जोड़ो