मैं नार दूसरी लांऊ, मेरी गोदी में लाल नहीं है
राजा राजी खुसी लै अईयों आयेगी छोटी बहिन
मेरे राजा की आई सगाई, घर-घर में सगाई जा रई
मेरे राजा की आई लगनवा घर-घर में बतासे जा रहे सै
मेरे राजा भ्यावन में चाले, हमें कर गये बाग की रखबारी
मेरे राजा भ्याह कर लायौ, मैं भजकैं उतारन चाली
मेरी डोली से परे कूं सरक जा, तू कहियै बांझ लुगाई
मैं पीठ मोर कर रोई, तू सुनियौ ईस्वर मेरी
जीजी खोलौ झझन किवरिया, मैं कुरता टोपी लैकर आई
मेरे कमरे से बहार सरकजा, मैं तैनैं ही बांझ बताई
राजा कहां गई नार दूसरी, गोरी भज गई नार दूसरी