एक लेखक नै अपनी बुध्दी कौ जादा रौब झारते हुये अपने यार मोनू ते कहरौ किताब कौ सार लिखनौ कोई आसान काम नाय। पतौय सार लिखबे में कभी- कभी मोय एक साल लग जाबै। या बात पै सार लिखबे बारे लेखक कौ यार मोनू हंसकैं तेजी तौ बोलौ तू बेकार में इतनी मैहनत करै यार। पतौय पन्दरै रुपईया में तौ लिखौ लिखायौ सार मिल जाबै।
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