एक सहर की छोरी कौ भ्याह गांम में हैगौ। एक दिना वाकी सास नै कही बेटी भैंस कूं न्यार डारया। ऊ भैंस कूं न्यार डारबे गई तौ भैंस के मौंह में झाग आरे तौ ऊ चुपचाप घर आकैं बैठगी। सास नै पूछी बेटी चुपचाप कैसैं बैठीय भैंस कूं न्यार डारयाई का। ना मम्मी भैंस तौ अभी कौलगेट कर्रीय। सास गैरोस हैकैं गिर पडी।
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