एक पोत संतासिंह कूं बीस लाख की लौटरी खुली। संतासिंह पईसा लैबे कूं लौटरी बारे के ढिंग गये। नम्बर मिलाबे ते पीछैं लौटरी बारे नै कही सर अभी हम 1 लाख रुपईया दिंग्गे और बाकी के उन्नीस लाख अगले हफ्ता दै दिंग्गे। संतासिंह बोलौ ना मोकूं तौ पूरे पईसा अभी चहिंयै। ना तौ मेरे पांच रुपईया नै दैदै।
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