1. रस दे गोरी मसके ते, तेरे मसकन हारे तीन, बकनौ रसिया या ऐ मत जानौ अरे ईख पै धर कैं पहचानौ।
अर्थ-  चरखी।


2. दोनूं नार बराबर ठानी इनमें भिल्‍ले आरम- पार चाख चलौ जब कुआ पै।
अर्थ- चरस।


3. धन बैठे टांग पसार यानै कमर पकर लई रसिया की ऊपर तेरसिया पतरौय, नीचे ते रिया मोटौय।
अर्थ- धनकुटा।


4. खुर- खुर यारे खुरखुरया खुर-खुर माटी खोद, ऐंचक बैंचौ तीन मूंड, दस पाम, छै आंख, चलो भाई खैंचो।
अर्थ- हर।


5. अडी थी बडी थी बाबर जी के बाग में खडी थी दुसाला ओड कैं खडी थी।
अर्थ- मक्‍का की गिल्‍ली।


6. अंख्या में ते पंख्या निब्जौ सुआ बींदौ पानी या बात कौ अर्थ बता दै तू राजा मैं रानी।
अर्थ- आँख।


7. मां की देखी, बहिन की देखी और देखी संसारी की और ऐसी चीज कौनसी रह गई ना देखी घर बारी की।
अर्थ- विधवा औरत।


8. धरी- धरी जांग पै जांग लांग जब खोली और भीतर दियौ घुसाय नार जब बोली।
अर्थ- दूध पिबाती बच्‍चे की मां।


9. गोल-मोल दिल्ली बनी लम्बौ बनौ बजार, हात जोर बेगम खडी सिर पै धरौ  अंगार। 
अर्थ - फरसी


10.अक्‍क चले ना वक्‍क चले, चले कमर कस या बात कौ अर्थ बतादै रुपइया दुंग्गौ दस।
अर्थ - सूंत काटबे कौ चरखा।


11.नैकसीसी तलईया यामै तिल घुसै ना राई, हाती पीगे घोडा पीगे,पीगे लोग लुगाई।
अर्थ - भैंस कौ थन।


12. आठ हात कौ चौंतरा पच्‍चीस हात की डोर, खीचिंगे बालक बच्‍चे कौहकिंगे मोर।
अर्थ - हुक्‍का।


13. हरी थी मन भरी थी राजा जी के बाग में दुसाला ओर खडी थी। 
अर्थ - मक्‍का।


14. नौती गोरी जैंगौ रसिया खागौ माल करईया कौ करगौ नास मडईया कौ।
अर्थ - हनुमान जी पाताल लोक में देवी के माल पुआ को खा गये थे।


15. स्यांप सरका बिछू लपका नहारिया घुरराये, पूछियौ राजा भोग ते कौन जिनावर जाय।
अर्थ - चर्स बर्त कुआ में से पानी खींचने का।


16.एक पेड़ कौ अजगर नाम, बारह डुग्गे बारह नाम पात- पात कौ न्यारौ नाम।
अर्थ - साल के बारह महिना के नाम।


17. हम मां बेटी और तुम मां बेटी चली बाग कूं जाय और तीन नीमू तोर लिये बराबर- बराबर खाय।
अर्थ - तीन।


18. बन बीनर हारी बीनै कपास, मेरी तेरी एकई सास।
अर्थ - सारे की बहु और नंदेऊ।


19. हात पांम में जंजीर पडी, फिर भी दौड लगाबै। टेडे मेडे रस्तान ते गांम- गांम घुमाबै।
अर्थ - साईकिल।


20.धक- धक मैंई करती, फक-फक धुआं फैंकती बच्‍चे बूढे मोपै चढते, निसानन पर मैं दौडती।
अर्थ - रेलगाडी।


21.खडौ दुआर पै ऐसौ घोडा, जानै चाहौ पेट मरोडा।
अर्थ - ताला।


22.चुपके ते मैं आती हूं , तुमको रोज सुलाती हूं। आहट पाकैं सूरज की जल्दी ते भाग जाती हूं।
अर्थ - रात।


23.कारौ- कारौ गोल तये सौ, रोटी ना पकाऊं। सूंई के तन में चुभते ही गानौ तुम्हैं सुनाऊं।
अर्थ - ग्रामोफोन।


24. छोटौ सौ कारौ घर, पर चलै इधर उधर।
अर्थ - छतरी।


25.ना जाने किधर ते आबै, फिर ना जाने क्यों छिपकर जातौ। आसमान में पडै दिखाई, सात रंग ते राखै नातौ।
अर्थ - इन्द्रधनुस।


26.कट- कट गयौ हुऔ हल, सब्जी खांग्‍गे बाय हम कल।
अर्थ - कटहल।


27.ऐसौ कौनसौ नाजै, जाकी टेडी मेडी नाकै।
अर्थ - चना।


28.दाने- दाने गिनती जाती, दादी अम्‍मा रोज फिराती।
अर्थ - माला।


29.ओम- ओम पैरों तले पडा हूं, कहने को मगर मैं खडा हूं।
अर्थ - खड़ाऊ।


30.लाल गईया लकडी खाय, पानी पीये मर जाय।
अर्थ - आग।


31.ई धनुस है सबकूं भाबै, मगर लडबे के काम ना आबै।
अर्थ - इन्द्रधनुस।


32. जरा सी बिटिया, गजभर की चुटिया।
अर्थ - सूंई धागा।


33.बारह घोडा, तीस गाडी, तीन सौ पैंसट करै सबारी।
अर्थ - साल, महीने, दिन।


34.ना बीज ना गुठली छिलका उतारौ तौ हलुआ की डाली।
अर्थ - केला।


35.एक हात कौ पिरानी अचल, हात हिलाओ तौ निकरै जल।
अर्थ - हैन्डपम्प।


36.एक दुकानदार ऐसौ जो दाम भी लैबै, माल भी लैबै।
अर्थ - नाई।