दिलों को दिलों से मिलायेगी होरी ,
प्यार के रंग खुद मे, सजायेगी होरी
रूठे हुए कौ मनाएंगी होरी!

खुशियों के थाल सजायेगी होरी,
अपनौ के हाल बतायेगी होरी!

सज गई गांम के,बीच में होलिका,
दिये सी अच्छी, नवल बालिका।
सालौं के दिल में, जो जमघट पड़े,
सभी को लौ मे,जलाऐगी होरी!
सारे सिकवे गिले ,भुलायेगी होरी!

रहेगी न अब दूरीयों की खता,
न खोजेंगे कोई अपनों का पता,
धरती नहीं आसमानौ तलक,
परायों के भी मेहमानों तलक! 
खुसियों के वादे निभायेगी होरी!

गाते मुस्कुराते, बोलेंगे बोली,
सम्मान से भर,जायेगी झोरी,
होली के रंग मे,भीगेगी चोली!
रूठे हुए को ,मनाएंगी होरी!