एक नदी कनारे एक छोटो सो गांम हो। बामै बहुत पेड़-पौधे और जीन जिनाबर है। नदी में औरत लत्‍तान नै धौमैई और बच्‍चा खेले कुदे है। वहाँ खेतन में गेहूँ, मौमफरी और पिरी-पिरी सरसों उगाई जाबैई। बा गांम में एक छोटो सौ तालाब हो। जामै कमल खिले और साथई बतख और मेंढक रहबे। और या गांम में एक पुरानौ जंगल भी हो। गांम बारे माने कै या जंगल में उनकौ पुरानौ दोस्त है क्योंकि बू इन्‍नै खाबे कूं फल, घर बनाबे काजैं लकड़िया और बीमारी के टैम दवाई के तौर पै जड़ीबूटी दैवै हो।

जैसे-जैसे गांम में लोग बढ़बे लगे, उन्‍नै रहबे काजैं मकान और खेतन की जरूरत परबे लगी। लोगन ने जंगल के पेड़ काटकैं घर और खेत बना लिये। समझदार लोगन नै चेतावनी दई कै पेड़ मत काटौ पेड़ उनके दोस्त हैं। इन्‍नै काटेंगे तो गांम के लोग मुस्किल में पर जायेंगे। लेकिन कोई नै उनकी बात ना सुनी और जंगल धीरे-धीरे छोटो हैतौ चलेगो। अब या जंगल में एक पेड़ पीपर कौ और एक बरगद कौ बचे। कछु टैम बाद गांम में सुखौ परबे लगौ और तालाब सूखबे लग्‍गे। गांम के लोग दुखी हैबै लगे और कछु लोग कहबे लगे की लोगन नै जो पेड़ काटे हैं ई मुसीबत याई बजह ते आई है। गांम के लोग भगवान ते पिराथना करबे लगे और कहरे अब जैसैंई पानी बरसेगो हम लोग बहुत सारे पेड़ लगाबेंगे। फिर कछु दिन बाद गांम में बहुत जोर की बारिस हुई और गांम के सब लोगन नै बहुत पेड़ लगाये और गांम फिर ते हरौ भरौ हैगौ।