वृन्दावन के बीच आज ढप बाजे हैं।
बाजै ताल मृदंग झाँझ ढप,
दौड़त आवैं लाल आज हरि नाचै हैं।
वृन्दावन के बीच आज ढप बाजे हैं......
उड़त गुलाल लाल भए बादर,
रंग की पड़त फुहार आज हरि बरसन लागे हैं।
वृन्दावन के बीच आज ढप बाजे हैं......
फेंट गुलाल हाथ पिचकारी,
मैं लाई रंग घोल, आप डर भागन लागे हैं।
वृन्दावन के बीच आज ढप बाजे हैं......
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