एक सोलह साल की लडकी कोई ना सादी कौ विचार
एक सोलह साल की लडकी कोई ना सादी कौ विचार
एक बूढौ तखत पै बैठौ, बूढे तू ही लै लै सगाई
बानै डाडी मूंछ कटाई, हैगौ सादी कूं तईयार
बाकी संग की यूं उठ बोली आगी सीला की बरात
बाकी दादी यूं उठ बोली सीला बूढौ है तईयार
दादी तूई याके फेरा लैलै तेरी जोडी कौ भरतार
बेटी मैं कैसैं फेरा लै लऊं तेरौ बाप लम्बरदार
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