बिरजभासा में लोकगीत

एक सोलह साल की लडकी कोई ना सादी कौ विचार

एक सोलह साल की लडकी कोई ना सादी कौ विचार
एक बूढौ तखत पै बैठौ, बूढे तू ही लै लै सगाई
बानै डाडी मूंछ कटाई, हैगौ सादी कूं तईयार

बाकी संग की यूं उठ बोली आगी सीला की बरात 
बाकी दादी यूं उठ बोली सीला बूढौ है तईयार

दादी तूई याके फेरा लैलै तेरी जोडी कौ भरतार
बेटी मैं कैसैं फेरा लै लऊं तेरौ बाप लम्बरदार

उड उड रे जहाज इन्दरा गांधी कौ राज भारत में

टेक- उड उड रे जहाज इन्दरा गांधी कौ राज भारत में।
1. सुसरा लै लेऔ लम्बरदारी तिहारी चिलम भरै पटवारी तिहारी खातिर होगी न्यारी भारत में
चीनी परमिट से मिलेगी, तेल लीटर से मिलेगा, कपडा मीटर से मिलेगा, गेंहू किलो से मिलेगा भारत में
उड उड रे जहाज इन्दरा गांधी कौ राज भारत में।

2. जेठा लै लेऔ लम्बरदारी तिहारी चिलम भरै पटवारी तिहारी खातिर होगी न्यारी भारत में
चीनी परमिट से मिलेगी, तेल लीटर से मिलेगा, कपडा मीटर से मिलेगा, गेंहू किलो से मिलेगा भारत में
उड उड रे जहाज इन्दरा गांधी कौ राज भारत में।

आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है, मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है, मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
1.फूलों में महक तुम से,तालों में चमक तुमसे
महक तो बता बाबा,तुम कहां पर नहीं रहते
तुम नहीं होते तो दुनिया नहीं रहती
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

2. फूलों में महक तुमसे,तालों में चमक तुमसे
चन्दा में ललक तुमसे,सूर्य में चमक तुमसे
बरफों में सीतलता,अग्‍नि में धधक तुमसे
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

सासुल लादेऔ चटक चुन्दरिया मैं ओड पहर पानी जाऊंरे

सासुल लादेऔ चटक चुन्दरिया मैं ओड पहर पानी जाऊंरे
बहुअल तोय चुन्दरिया कौ चाव रे मेरौ बेटा जेल के बीच रे
सासुल लादेऔ उडनी सी जहाज रे
तिहारे बेटाय छुडाय भर लाऊं रे
म्हां बैठे रामहंस थानेदार रे 
मैंनै जातई गौंछ उपारी रे 
सासुल खोलौ ना झझन किवरिया रे
बहुअल तेरे कहे से ना खोलूं रे
मेरौ बेटा केह जब खोलूं रे 
अम्‍मा याई के कहे ते खोलौ रे 
मेरी जान छुडाय भर लाई रे

मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी

टेक- मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
जेठ ना लुंगी,जिठानी ना लुंगी, डुकरियाए लै लुंगी हाल राम लै जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
कोठौ ना लुंगी,अटरिया ना लुंगी,झोंपडिया लै लुंगी यामें हाल आंच लग जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
देवर ना लुंगी,दौरानी ना लुंगी,नंनदियाए लै लुंगी, ई हाल सासरे चली जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
भैंस ना लुंगी, गईया ना लुंगी बकरियाए लै लुंगी याकी हाल धार कढ जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
 

मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया

टेक- मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै बाग लगायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया 
केला पै जोवन लहरे लैरौ रसिया 
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै ताल खुदायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया
पटिया-पटिया पै जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै कुआ खुदायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया 
गगरी-गगरी पै जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै महल चिनायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया
खिरकी-खिरकी जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
 

मेरे चले गये भरतार लडाई लडकैं

मेरे चले गये भरतार लडाई लडकैं
बिन्‍नै भेजी हरी कमीज बटन जडकैं
सासुल देदौ यामें आग चौरे में धरकैं
बिन्‍नै भेजी मोटर कार माया की भरकैं
मैंनै उल्टी भेजी कार गुस्‍से में भरकैं
मेरे जग आये भरतार घोडे पै चढकैं
माता कांह मेरी नार गुस्‍से में भरकें
बेटा मरगे तेरे नार कुए में गिरकैं
तैनैं बुरौ करौ मेरी नार मरीयै गिरकैं

मेरी सास नै धरौ पीसनौ बीबी दर-दर दई परात

मेरी सास नै धरौ पीसनौ बीबी दर-दर दई परात
दिन निकरौ जब हुयौ सवेरौ, बीबी हो सबरौ कर लियौ काम 
सिर पै कल्सा, कंधा पै फवरौ बीबी चल दई ईख नराव
बारह बजे कि रेल में ते उतर परे रंग रूप
इमली के नीचैं आजा री छोरी तेरे आ गये पति भरतार
इमली के नीचैं ना आऊं छोरै नाय पति भरतार 
तेरे पति छोरी काहै निसानी 
मेरे पति की ईयै निसानी छाती पै नम्बर च्यार
तेरी बुरसैट उतारूं बुनान उतारूं
इमली के नीचैं अब आऊं छोरा 
मेरे पति भरतार हम तौरी कमला
भोरी भारी समझै तुम तौ बडी चालाक

बुढिया सो रई हो तौ जाग बिसबर आ गये लैबे कूं

टेक- बुढिया सो रई हो तौ जाग बिसबर आ गये लैबे कूं
1. बेटा पांच मिनट की मौलत दै देऔ पति ते आग्या लै आऊं।
राजा हमकूं भी आग्या देऔ बिसबर आगे लैबे कूं
गौरी तुम तौ जांय सत्संग कूं कौन बिछाबै खाट कौन हमारे पैर दबाबेगौ
तेरे बेटा बिछायगें खाट नाती पैर दबायगें
बुढिया सो रई हो तौ जाग बिसबर आ गये लैबे कूं
2. बेटा पांच मिनट मौलत देऔ बेटान ते आग्या लै आऊं
बेटा पांच मिनट मौलत देऔ बिसबर आ गये लैबे कूं
मईया तुम तौ जांय सत्संग कूं कछू हमकूं भी उपाउ बताऔ।
बेटा च्यार ऐकड खेत सुमरत ते लीजौं बांट

पतरी दरांती चली री खेत पै, पूरा काटे सोलह-साट

पतरी दरांती चली री खेत पै,पूरा काटे सोलह-साट
काट-काट कैं दिन ते आगे सास नै रार मचा दई
मैं गुस्‍सा की तेज घनी मैंनै लै मूसर धमरा दई
खूंटी ते रस्‍सी रखी मैंनै सोटन ते लटका दई
बहार ते आये पति हमारे माता किदर गंवा दई
अन्दर घुसकैं देख पति तेरी झूला झूल रई
ई तौ काम गौरी तैनैं ठीक करौ माचिस च्यों ना खींच दई
अबकैं लडकैं देखौ री सासुल बडे बेटा नै कह दई
अब तक तौ सोटान लटकाई, अबकैं माचिस खैंच दंऊ