सासुल लादेऔ चटक चुन्दरिया मैं ओड पहर पानी जाऊंरे
बहुअल तोय चुन्दरिया कौ चाव रे मेरौ बेटा जेल के बीच रे
सासुल लादेऔ उडनी सी जहाज रे
तिहारे बेटाय छुडाय भर लाऊं रे
म्हां बैठे रामहंस थानेदार रे 
मैंनै जातई गौंछ उपारी रे 
सासुल खोलौ ना झझन किवरिया रे
बहुअल तेरे कहे से ना खोलूं रे
मेरौ बेटा केह जब खोलूं रे 
अम्‍मा याई के कहे ते खोलौ रे 
मेरी जान छुडाय भर लाई रे