टेक- काई चमची से गुर खालो पिया, दूद धरौ अलबारी में
मन मार याई मारो मत जाओ पिया, तडके पियर डिगर जाऊंगी
मेरौ बाबुल है थानेदार पिया, दूजौ भ्याह रचा देगौ
मेरौ भईया है साहूकार पिया, नौ मन खांड़ गरा देगौ
मेरौ मामा है ललचार पिया, दूजौ भात पैहरा जागौ।
मेरी पौरी के आगैं नीम रे पिया, घनन-घनन फेरा लै लुंग्गी
तू बैठौ-बैठौ देख पिया तेरौ जिया जरा दुंग्गी
मेरे पामन बाजनी पजेब छम-छम करती डोलुंगी
तुम नौ महिना गम खाओ पिया, गोदी में लाल खिला लुंगी
- अपने बिचार जोड़ो