टेक:- अरे मेरी कर दई नींद हराम कन्हैया वंशी बारे नै,
दिन बर याद सताबें मोकूँ,
सांची बात बतांऊ में तोकूं।
तोड़- मेरे छूटे काम तमाम ....,
रांतू जगू नींद ना आवें,
उढ- उढ महल तिवारों खावें।
तोड़- मेरे सभी विगड़े काम.....
जब याद श्याम की आवे,
खानो- पीनो मोय ना भाबे।
तोड़- में तो रूटूं श्याम को नाम....
दुनिया कहे में दीवानी,
वेदर्दी ने ना मन की जानी।
तोड़- में तो जाऊँ उसी के गाँव।
- अपने बिचार जोड़ो