टेक- ऊगंली पै लियो उठाये गिरवर बंशी बारे नै,

इन्द्र का कोप बडा भारी,

बचाये डूबत नर नारी।

तोड़- भक्तन की करी सहाय मोहन वंशी बारे नै।

बीच में मोहन प्यारा है,

ग्वालों का लिया सहारा है।

तोड़- जानें ऊंगली तो लई लगाय मोहन बंशी बारे नै।

लगे जब ब्रज में जयकारे,

खुशी हुये जशोदा के जाये।

तोड़- जाने लाठी तो लई लगाय मोहन बंशी बारे नै॥

इन्द्र को मान घटाओ है,

गोवर्धन भोग लगाओ है।

तोड़- दीनो गिरवर नाम धराय मोहन बंशी बारे ने।