एक समुन्दर के किनारे तीन आदमी फसगे। जिनमें एक अनिल, एक साहुन और एक पवन। तीनों जने याई सोच मेंए कै घर तक कैसैं पौंहचौ जाय। अनिल नै हिम्मत दिखाई और तैरतौ हुयौ आदी कोस तक गयौ और हैरान हैबे की बजै ते डूबकैं मरगौ। फिर साहुन नै सोची मैंऊ कोसिस करकैं देखूं। ऊ आदे कोस ते नैक जादा तक तैरकैं गयौ और डूबकैं मरगौ। दोनून के जाबे ते पीछैं पवन बचगौ तौ बानै सोची अब मैं अकेलौ काह करुंगौ। या बातै सोचकैं बानै भी पानी में छल्लांग लगा दी। आदी कोस तैरबे ते पीछैं बानै सोची अब मैं हैरान हैगौ आगैं जाऊंगौ तौ डूब जाऊंगौ या बातै सोचकैं पवन हैटौ आगौ।
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