तोड़- ओ ग्वालन मनय माखण दे,

माखन दे जरा चाखन दे

तुम गेल हमारी रोको नहीं मनय दध चाखन दे॥

माखन तनक चखा दे बताऊ तनय बात,

जब छोडगो ग्वालिन तेरो हाथ।

तोड़- जरा मान जा पहचान जा,

बडी जोर की भूख लगी तु अव तो माखन खामण दे॥

2. इकली तो मत जाने कान्हा मोय

ऐसो मजा चखा दूंगी में तोय ।।

तोड़- जरा मान जा पहचान जा

जा़ जशोदा ते कह दूंगी मनय वापिस घर कूँ आमण दे।

3. के माँगे माखन को वता दे मोल,

चुप खड़ी क्यों होगी कुछ तो बोल।

तोड़- जरा बोल दे मुख खोल दे,

ग्वाल वाल सब भूखे सय,इन कू माखन खामण दे।।

4. मान कहेगी छोड़ दे मेरो हाथ,

जाय कंस से कंहूगी पुरा हाल