एक गांम में एक यातरी आयौ। वानै अपनौ घोडा रोककैं एक बडे बूढे मांईस ते पूछी। या गांम के कैसे लोग हैं। मैं या गांम में रहनौ चांहू। बूढौ मांईस बोलौ पहले तू ई बता जा गांम में तू रह रौ वा गांम के मांईस कैसे। घोडा बारौ यातरी बोलौ वा गांम कौ नाम भी मत लैबै। वा गांम के लोगन कौ नाम लैते ही मेरे हिरदैय में आग की लपटें जलबे लगैं। और मेरौ बस चलै तौ मैं एक-एक की हत्या कर दूं। या बात पै वा बूढे मांईस नै कही या गांम में पचास साल ते तौ मैं रह रंऊ। या गांम के लोग इतने बुरे हैं कि तेरे गांम के लोगन ते जादा हत्या कर दें। हमारी रात -दिन हिरदैय में आग की लपटें जलती लगैं। नैक देर डटकैं वाई गांम में कोई बैलगाडी बारौ आयौ। वानै वाई बूढे मांईस ते पूछी। बाबा या गांम के लोग कैसें हैं मैं यहां पै रहनौ चांहू। तौ बूढौ मांईस बोलौ पहलें अपने गांम के लोग कैसैं। तौ ऊ बैलगाडी बोलौ मेरे गांम के लोग भौत अच्छे हैं। सब एक दूसरे ते मिलकैं रहमें। अच्छौ स्वभाव, बढिया बोलनौ। रहनौ सब कछू अच्छौ है। जब बूढौ मांईस बोलौ या गांम में रहते-रहते मोय पचास साल हैगी। सब लोग भौत अच्छे हैं । सभी एक -दूसरे के साथ मिलकैं रहमें। सवाल तेरौ है कि गांम में हम कैसैं रहमैं, हम कैसैं, सवाल हमारी नजर कौय। हम जीवनै कैसैं लैमैं। आनंद ते लैमैं या दुख ते। अगर हम दुख ते लैमैं हम जीवन में जो भी करेंगे सुखी ना है सकैं। जीवन कौ आनंद धन ते,धन्यवाद ते, जीवनै पूरे प्यार ते, सान्ति ते , जीवन के पिरती बिना आंहकार, घमण्ड ते व्यवहार करनौ चहियै। जो धरम सम्बंधी अकेले का जनम होनौ। है सकै हम जहां पै हैं सन्यास आ जाबैगौ।
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