एक पोत की बात है च्यार चोर चोरी करबै गये। और आदी रात कौ टैम हो, चोर एक घर में घुसगै, और बा घर में एक ड़ोकरी पीछे कूँ हात लटका कें सोरई, और महीं बगल में दरिया कि पतीली रखी और दरिया गरम हतो।तीन चोर बा घर में चोरी करबै लगे।और चौथो चोर बा ड़ोकरीय देखबे लगो और सोचबे लगो कै ड़ोकरी भूखी सोरई है और मेरे माईं हात कर्रईये। और बा चोर नें दरिया लेकें बाके हात पै रखदियो। और ड़ोकरी को हात भुरसबै लगो तो बू जोरतै किल्ली देवे लगी, और गाम बारै भग्कें आये,इतेक में तीन चोर घर के तीनो कोनेंन में दुबग्गै और जानें दरिया रखो बू चोर ऊपर लटग्गो। गाम बारै ड़ोकरी तै पूछबै लगे कै ड़ोकरी कहा हुयो?, कै ड़ोकरी बोली-ऊपर बारौई जानैं। तुरंत ऊपर बारौ चोर बोलयो, कै ड़ोकरी ऊपर बारौई जानै,ऐ तीनो कोनेंन में दुबकरेंय ऐ ना जानें का।और एक चोर की बजै तै सबरै चोर पकरगे।
सिक्छा-एक नादान कि यारई जी का जंजाल है।
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