एक नहार हो बू रोजीना कोई न कोई जानवरै खाजाबैयो। कछु दिना डटकें शेर और अनेक जानवरों के बीच एक समझौता हुयो। बामें जानवरनै शर्त रखी कि हममें ते कोई न कोई एक जनों बाके पास भोजन के रूप में जायेंगे। तो एक दिना खरगोश की बारी थी।  तो खरगोश शेर के ढिंग भोहोत देर में गयो। शेर भौत नाराज हैगो। बानै खरगोश ते पूछी इतेक लेट क्यों आयो। खरगोश बोलो एक दुसरे शेर नै मोय गैल में रोक लियो। शेर बोलो खरगोश ते मोय दूसरे शेर को दिखाकें लाओ। खरगोश शेर को कुँआ  के ढ़िंग लैगो। शेर नै कुँआ में अपनी परछाई देखी। बू कुँआ में कुदगो और डूबकें मरगो।