दो बईयेरीं । एक पोत एक छोटे से बालक पै आपस में लड़ाई हैगी। दोनों कहरी मेरो तो (इकलो) एक ही बालक। एक बईयेर कहरी मैं तो याकी हकीकत मईया हूँ। दूसरी कहरी मेरो तो इकलो छोरायै। पर उनको कोई भी गवाह न हो। या हिसाब ते लड़ाई शान्त हैबे को कोई नाम नाय। दोनो जनी न्याय कूँ राजा के ढ़िंग गई। राजा भौत हुशियारो। राजा नै सबते पहलैं उन दोनो जनीन के ब्यान सुने। फिर राजा बोलो त्यारी समस्या कौ तौ एक ही उपाय। बालक के दो ठुकड़ा किये जायेंगे। उनमें ते तुम दोनो जनी एक-एक ठुकड़ा लै लियों। एक बईयेर नै तो फैसलो मान लियो लेकिन दूसरी नै राजा ते प्रार्थना करी कि बालक को न मारा   जाये। बाने कहा कि हे राजा जी याय बालकै बाकूँ दै देयो, लेकिन याय मत काटो यह स्पष्ट में सच्ची मईया थी। राजा नै बच्चा बाकूँ दै दियो। और  दूसरी बईयेर को अपनी दुष्टता के लिये जेल भिजवा दी।