एक कोरिया की छोरी कौ ब्याहौ। तौ वा छोरी की मईया अपने पति ते कहरी कि समदी आवैगौ ब्याह में हमपै तौ गारी-फारी भी ना आमै। तुम कहीं ते गारी सीखयाओ। कोरिया डेड सै रुपया लैकैं घत ते चलेगौ। जंगल में हर वारौ खेत जोतरौ तौ ऊ बोलौ तू कहां जारौय। ऊ बोलौ गारी सीखबे। खेत में नौरा गड्डौ खोदरौ। खेत बारौ बोलौ मैं सिखा दऊं गारी। ऊ बोलौ सिखादै भईया। 1.खुदर-खुदर चौं खोदै सारे। 2.चुगर-चुगर चौं देखै सारे। 3.भजकैं ही चले जागौ सारे। भदर-भदर खेत बारे नै गारी सिखाबे में डेडसै रूपया लै लिये। फिर ऊ घर आगौ और घर वारी बाय चाखी चलाती मिली। ऊ बा ते बोलौ रोटी लिया मेरे काजैं। फिर घर वारी बोली पहलैं गारी वता।वानै वाकूँ गारी सिखादी। चोर उनके घर में पहले तेई चोरी करबे आये। जब ऊ चाखी चलाती-चलाती गारी खुदर-खुदर चौं खोदै सारे। चोर आपस में बतरारे कि पतौ लग्गौ दीसै सारे। फिर चोर उझक्कैं देखरे तौ ऊ खुदर-खुदर चौं देखै सारे। फिर वे भागवे लगे तौ भजकैं ही चलेजागौ सारे।