बिरजभासा में भजन

जगत के रंग क्या देखूं तेरौ दीदार काफी है

टेक- जगत के रंग क्या देखूं तेरौ दीदार काफी है
क्यों भटकूं गैरों के दर पै तेरा दरवार काफी है
1. नहीं चाहिये मुझको निराले रंग डंग मुझको निराले रंग डंग मुझको
चले जा हूं में खाटू जे तेरा सिंगार खाफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरौ दीदार काफी है
2. जगत के साज बाजों में हुये हैं कान अब भैरे हुये अब कान अब भैरे
कहां जाके सुनू बंसी मधुर भुगतान काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरौ दीदार काफी है
3. जगत के रिस्तेदारों ने बिछाया जाल माया का
तेरे भक्तों से हो पिरीत (प्रिती) स्याम परिवार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं तेरौ दीदार काफी है

च्यार दिन की पतक चांदनी है

टेक- च्यार दिन की पतक चांदनी है
चांदनी का भरोसा नहीं है.…
इसलिए ये अंधेरों का सोधा दोस्ती का भरोसा नहीं है
1. इतने घरों के दियों को जलाकर वो मनाता है नादान दिवाली
जिन्दगी पर अजय करने वाले जिन्दगी का भरोसा नहीं
च्यार दिन की पतक चांदनी है
चांदनी का भरोसा नहीं है.…
2. जो इतनी भीड में, तनहा दिखाई देता है
वह सच ही मुझे, अपना दिखाई देता है
बरस रही है, ये घटाये जाने कहां- कहां पर
ये सारा सहर, प्यासा दिखाई देता है
च्यार दिन की पतक चांदनी है
चांदनी का भरोसा नहीं है.…

चलो रे भईया गिरिराज पूजा करेंगे

टेक- चलो रे भईया गिरिराज पूजा करेंगे
कलयुग के पिरथम देवता उनकी सरन परेंगे
1. सिरी किरस्न नै पूजन पुरन्दर कौ छुडा लियौ
लैकैं गोप ग्वाल बाल गिरवर कूं पुजा दियौ
आपई खायौ और आपकूं खबा दियौ
गिरवर कौ मान तीनों लोकन में बढा दियौ
उनकी सरन परेंगे चलो रे भईया गिरिराज पूजा करेंगे
2. कोप कर इन्दर मेघ मालन कूं बुला लियौ
बिरज कूं बहायो ऐसौ हुकम सुना दियौ
देख हाल-लाल गिरनक पै उठा लियौ
डूबत ते बिरज एक पल में बचा लियौ
व्याधा सकल हरंगे चलो रे भईया गिरिराज पूजा करेंगे
3. गंगा में नहाय पाप तन के नसा लेऔ

ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं

टेक- ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
1. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें गरमी लग आई भगवान
मेरे पिछवारे कलस भरे, नभायाई हो तौ नहालै मेरे राम
ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
2. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें भूक लग आई भगवान
छप्‍पन भोग रखे मेरे आगैं, जिमायाई हो तौ जैंलै राम
ग्यारस कौ मैं रही उपासी, मन्दिर में मैं गई हत नाऊं
3. धरमराज कौ बनौ चौंतरा, वाकौ लेखौ ले भगवान
लेखौ तौ तुम जभई लीजौं, हमें तौ प्यास लग आई भगवान

गैंदा खिलरे आधी रात माला किसके गले में डारुं

टेक- गैंदा खिलरे आधी रात माला किसके गले में डारुं 
1.गंगा के गले में डारुं,जमुना के गले में डारुं 
हेरी वे तौ बहगे आधीरात माला किसके गले में डारुं
गैंदा खिलरे आधी रात माला किसके गले में डारुं 
2.चंदा के गले में डारुं,सूरज के गले में डांरु
हेरी वे तौ छिपगे आधीरात माला किसके गरे में डारुं
गैंदा खिलरे आधी रात माला किसके गले में डारुं 
3.सीता के गले में डारुं,लछमन के गले में डारुं
हेरी वे तौ चले गये वनवास माला किसके गरे में डारुं
गैंदा खिलरे आधी रात माला किसके गले में डारुं 

गुरु जी मोय विधि बता देऔ गंगा के नहायवेकी

टेक-गुरु जी मोय विधि बता देऔ गंगा के नहायवेकी
1.गुरु जी मोय सास- सुसर ना लै गये 
गुरु जी मेरी रेल निकर गई गंगा के नहाय वे में
गुरु जी मोय विधि बता देऔ गंगा के नहायवेकी
2.गुरु जी मोय जेठ जिठानी ना लै गये
गुरु जी मेरी गठरी खो गई गंगा के नहाय वे में 
गुरु जी मोय विधि बता देऔ गंगा के नहायवेकी
3.गुरु जी मोय देवर दौरानी ना लै गई
गुरु जी मैं गैल भूल गई गंगा के नहाय वे में 
गुरु जी मोय विधि बता देऔ गंगा के नहायवेकी
4.गुरु जी मोय नंद-नंदेऊ ना लै गये
गुरु जी मेरौ बटुआ खो गयौ गंगा के नहाय वे में

गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी

टेक-गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी
1.मेरे गुरु के बाग भौत हैं बाअग की मालिन बन जाऊंगी लौट कैं फिर ना आऊंगी
गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी
2.मेरे गुरु के ताल भौत हैं ताल की धोविन बन जाऊंगी लौट कैं फिर ना आऊंगी
गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी
3.मेरे गुरु कुआ भौत हैं कुआ की धीमर बन जाऊंगी लौटकैं फिर ना आऊंगी
गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी
4.मेरे गुरु के महल भौत हैं महल की रानी बन जाऊंगी लौट कैं फिर ना आऊंगी
गुरु के संग चली जाऊंगी लौट कैं फिर ना आंऊगी

गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई

टेक- गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई
1.पहली टिकट बचपन की कटाई, खेलकूद में है भूल गई
गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई
2.दूजी टिकट मैंनै जुआनी की कटाई, मस्ती में भूल गई 
गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई
3.तीसरी टिकट मैंनै संगत की कटाई, संग में भूल गई
गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई
4.चौथी टिकट मैंनै मईया की कटाई, पूजा में भूल गई
गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई
5.पांची टिकट मैंनै बुढापे की कटाई, कफ खांसी में भूल गई
गाडी तिहारी लिकर गई, मईया टिकट ना कटा पाई

अर्जुन हार गये जौ जूं भीम गये पानी कूं

टेक- अर्जुन हार गये जौ जूं भीम गये पानी कूं
1. बागऊ हारे बगीचाऊ हारे, मालिन हार गई जौजऊ भीम गये पानी कूं
अर्जुन हार गये जौ जूंभीम गये पानी कूं
2. तालऊ हारे तलइयाऊ हारे, धोबिन हार गये जो जऊं भीम गये पानी कूं
अर्जुन हार गये जौ जूं भीम गये पानी कूं
3. कुआऊ हारे कुअउटी हारे, धीमर हार गये जो जऊं भीम गये पानी कूं
अर्जुन हार गये जौ जूं भीम गये पानी कूं
4. महलऊ हारे महलइया हारी, रानियां हार गये जो जऊं भीम गये पानी कूं
अर्जुन हार गये जौ जूं भीम गये पानी कूं
 

काना जल्दी से आना म्हारा गाँव को

टेक:- काना जल्दी से आना म्हारा गाँव को,

वंशी जोर से बजाना सुबह – शाम को।

मोहन मुरली वाले तूने पागल कर दिया मुझको,

जल्दी से आ जाना काना में समझा रही तुमको।

तोड़:- वापिस लौट के आना अपने धाम को वंशी जोर से बजाना।

कितने दिन हो गये श्याम क्योम ना वापिस आवें,

मोहन के दर्शन कूँ यहाँ पै जशोदा माँ घबरावे।

तोड़:- मैं तो भूलूँ कभी तिहारे नाम को ....

विन तेरे काना म्हारी गायनैय कौन चरावै,

मोहन के दर्शन कूँ मेरा जिया बहुत ललचावै।

तोड़:- मैं छोड़त डोलूँ अपने काम को वंशी जोर से बजाना।