खरगॊश ओर शॆर

एक नहार हो बू रोजीना कोई न कोई जानवरै खाजाबैयो। कछु दिना डटकें शेर और अनेक जानवरों के बीच एक समझौता हुयो। बामें जानवरनै शर्त रखी कि हममें ते कोई न कोई एक जनों बाके पास भोजन के रूप में जायेंगे। तो एक दिना खरगोश की बारी थी।  तो खरगोश शेर के ढिंग भोहोत देर में गयो। शेर भौत नाराज हैगो। बानै खरगोश ते पूछी इतेक लेट क्यों आयो। खरगोश बोलो एक दुसरे शेर नै मोय गैल में रोक लियो। शेर बोलो खरगोश ते मोय दूसरे शेर को दिखाकें लाओ। खरगोश शेर को कुँआ  के ढ़िंग लैगो। शेर नै कुँआ में अपनी परछाई देखी। बू कुँआ में कुदगो और डूबकें मरगो। 

ईमानदार लकड़हारौ

एक लकडहारो बू अपनो जीवन-यापन लकड़ियानै काट-काट चलाबैयो। बू बिचारो बहुत गरीबौ।एक बेर लकडहारौ नदी के किनारे पै एक पेड़ काटरौय। अचानचक बाकी कुल्हाडी पानी के भीतर गिरगी। बू रोबे लग्गो, और बू नदी के देबता ते प्रार्थना करबे लग्गौ। तौ फिर नदी कौ देवता वहाँ पै आयौ और लकडहारे ते पूछी ऐंरे तू क्यों रोरौय। लकडहारे ने अपनी सबरी कहानी बताई। तौ फिर नदी के देवता ने  नदी में डुबकी लगाई और एक  सोने की कुल्हाडी लैकें बहार आये। तौ लकडहारौ बोलो ई कुल्हाडी मेरी नाये। फिर दुबारा नदी के देबता चाँदी की कुल्हाडी लैकें बहार आये। तौ लकडहारे ने फिर नांही कर दी।क्योंकि ऊ कुल्हाडी बाकी नाही। त

च्यार चोर

एक पोत की बात है च्यार चोर चोरी करबै गये। और आदी रात कौ टैम हो, चोर एक घर में घुसगै, और बा घर में एक  ड़ोकरी पीछे कूँ हात लटका कें सोरई, और महीं बगल में दरिया कि पतीली रखी और दरिया गरम हतो।तीन चोर बा घर में चोरी करबै लगे।और चौथो चोर बा ड़ोकरीय देखबे लगो और सोचबे लगो कै ड़ोकरी भूखी सोरई है और मेरे माईं हात कर्रईये। और बा चोर नें दरिया लेकें बाके हात पै रखदियो। और ड़ोकरी को हात भुरसबै लगो तो बू जोरतै किल्ली देवे लगी, और गाम बारै भग्कें आये,इतेक में तीन चोर घर के तीनो कोनेंन में दुबग्गै और जानें दरिया रखो बू चोर ऊपर लटग्गो। गाम बारै ड़ोकरी तै पूछबै लगे कै ड़ोकरी कहा

एक छोरा भौत मोटौ वाकौ भ्याऔ

एक छोरा भौत मोटौ वाकौ भ्याऔ। छोरा के घरवारे बोले बता भ्याह में घोडी ते जागौ का। ऊ बोलौ मैं तौ हाती ते भ्याहबे जाऊंगौ। घर वारेन्‍नै हाती ला दियौ। वाकी चढाई हाती ते हैरी तौ ऊ बेटी बारे के दरबज्‍जे पै पौंहचगौ तौ वाकी सारी हसगी। जीजा बोलौ कैसैं हसरीय सारी हाती ना देखौ का। सारी बोली हाती तौ देखौय पर हाती के ऊपर हाती आज पहली पोत देखौय।