एक यातरी
एक गांम में एक यातरी आयौ। वानै अपनौ घोडा रोककैं एक बडे बूढे मांईस ते पूछी। या गांम के कैसे लोग हैं। मैं या गांम में रहनौ चांहू। बूढौ मांईस बोलौ पहले तू ई बता जा गांम में तू रह रौ वा गांम के मांईस कैसे। घोडा बारौ यातरी बोलौ वा गांम कौ नाम भी मत लैबै। वा गांम के लोगन कौ नाम लैते ही मेरे हिरदैय में आग की लपटें जलबे लगैं। और मेरौ बस चलै तौ मैं एक-एक की हत्या कर दूं। या बात पै वा बूढे मांईस नै कही या गांम में पचास साल ते तौ मैं रह रंऊ। या गांम के लोग इतने बुरे हैं कि तेरे गांम के लोगन ते जादा हत्या कर दें। हमारी रात -दिन हिरदैय में आग की लपटें जलती लगैं। नैक देर डटकैं
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