आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती
टेक- आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती,
छोरा रहे अंगूठा ठेक रे छोरी- बी.ए , में पढती,
1.समय- समय की बात रै छोरी फौजन में भर्ती ,
सीना तान चले ना अब ये शेरन से डरती,
तोड़- बन्दूक लेली इनने हाथ में अब ये बॉर्डर पै लड़ती।
2 . सास-ससुर और जेठ बडे को ना समझें कायदा,
बैठ सिराने पूछें पानी लाँऊ का दादा,
तोड़- इनकी अक्ल बिगडती जारी ना संईया से डरती।
3. साडी पैलर छोड दिये अब पहरें जींस भिचेमा,
हैप्पी बार कटाय लगा लिये आँखन पै चश्मा,
तोड़- सैण्डल ऊँची पहन चाल ये इतरा के चलती।
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