आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती

टेक- आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती,

छोरा रहे अंगूठा ठेक रे छोरी- बी.ए , में पढती,

1.समय- समय की बात रै छोरी फौजन में भर्ती ,

सीना तान चले ना अब ये शेरन से डरती,

तोड़- बन्दूक लेली इनने हाथ में अब ये बॉर्डर पै लड़ती।

2 . सास-ससुर और जेठ बडे को ना समझें कायदा,

बैठ सिराने पूछें पानी लाँऊ का दादा,

तोड़- इनकी अक्ल बिगडती जारी ना संईया से डरती।

3. साडी पैलर छोड दिये अब पहरें जींस भिचेमा,

हैप्पी बार कटाय लगा लिये आँखन पै चश्मा,

तोड़- सैण्डल ऊँची पहन चाल ये इतरा के चलती।

अरे मेरी कर दई नींद हराम कन्हैया वंशी बारे नै

टेक:- अरे मेरी कर दई नींद हराम कन्हैया वंशी बारे नै,

दिन बर याद सताबें मोकूँ,

सांची बात बतांऊ में तोकूं।

तोड़- मेरे छूटे काम तमाम ....,

रांतू जगू नींद ना आवें,

उढ- उढ महल तिवारों खावें।

तोड़- मेरे सभी विगड़े काम.....

जब याद श्याम की आवे,

खानो- पीनो मोय ना भाबे।

तोड़- में तो रूटूं श्याम को नाम....

दुनिया कहे में दीवानी,

वेदर्दी ने ना मन की जानी।

तोड़- में तो जाऊँ उसी के गाँव।

सासुल लादेऔ चटक चुन्दरिया मैं ओड पहर पानी जाऊंरे

सासुल लादेऔ चटक चुन्दरिया मैं ओड पहर पानी जाऊंरे
बहुअल तोय चुन्दरिया कौ चाव रे मेरौ बेटा जेल के बीच रे
सासुल लादेऔ उडनी सी जहाज रे
तिहारे बेटाय छुडाय भर लाऊं रे
म्हां बैठे रामहंस थानेदार रे 
मैंनै जातई गौंछ उपारी रे 
सासुल खोलौ ना झझन किवरिया रे
बहुअल तेरे कहे से ना खोलूं रे
मेरौ बेटा केह जब खोलूं रे 
अम्‍मा याई के कहे ते खोलौ रे 
मेरी जान छुडाय भर लाई रे

मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी

टेक- मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
जेठ ना लुंगी,जिठानी ना लुंगी, डुकरियाए लै लुंगी हाल राम लै जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
कोठौ ना लुंगी,अटरिया ना लुंगी,झोंपडिया लै लुंगी यामें हाल आंच लग जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
देवर ना लुंगी,दौरानी ना लुंगी,नंनदियाए लै लुंगी, ई हाल सासरे चली जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
भैंस ना लुंगी, गईया ना लुंगी बकरियाए लै लुंगी याकी हाल धार कढ जाय
मोय न्यारे कौ सौक मैं न्यारी है जाऊंगी
 

मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया

टेक- मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै बाग लगायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया 
केला पै जोवन लहरे लैरौ रसिया 
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै ताल खुदायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया
पटिया-पटिया पै जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै कुआ खुदायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया 
गगरी-गगरी पै जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया
मैंनै महल चिनायौ जब च्यौं ना आयौ रसिया
खिरकी-खिरकी जोवनवा लहरे लैरौ रसिया
मेरे हातन के कंगन ढीले है गये रसिया