एक यातरी

एक गांम में एक यातरी आयौ। वानै अपनौ घोडा रोककैं एक बडे बूढे मांईस ते पूछी। या गांम के कैसे लोग हैं। मैं या गांम में रहनौ चांहू। बूढौ मांईस बोलौ पहले तू ई बता जा गांम में तू रह रौ वा गांम के मांईस कैसे। घोडा बारौ यातरी बोलौ वा गांम कौ नाम भी मत लैबै। वा गांम के लोगन कौ नाम लैते ही मेरे हिरदैय में आग की लपटें जलबे लगैं। और मेरौ बस चलै तौ मैं  एक-एक की हत्या कर दूं। या बात पै वा बूढे मांईस नै कही या गांम में पचास साल ते तौ मैं रह रंऊ। या गांम के लोग इतने बुरे हैं कि तेरे गांम के लोगन ते जादा हत्या कर दें। हमारी रात -दिन हिरदैय में आग की लपटें जलती लगैं। नैक देर डटकैं

ऊंट और नींद

एक मांईसौ ऊ अपनी समस्यान ते भौत दुखीयौ। फिर ऊ एक बाबाजी के ढिंग गयौ। वानै बाबाजी ते अपने जीवन की भौत समस्या बतांई। जो कभी भी खतम ना हैमै। याकी बजह ते मेरी जिन्दगी खराब हैती जारीय। बाबजी नै कही अब तौ रात हैबे में कल समाधान बतांगौ। बाबाजी नै कही मेरे ढिंग भौत ऊंट हैं इनकी देखरेख बारौ बीमार हैगौय। तू रात कूं इनकी देखभार करियौ। जब ये सब ऊंट बैठ जामै तौ तू सो जइयौ। दूसरे दिना बाबाजी दिननिकरैं मांईस के ढिंग गयौ। बाते पूछी रात कूं कैसी औंग आई। मांईस नै जुबाब दियौ रात में कभी एक ऊंट खडौ है जाबै तौ कभी दूसरौ। सबरे ऊंट बैठे ही नाय। बाबजी हंसतौ हुयौ बोलौ ऐसेंई समस्यान के संग

ईमानदारी

एक भौत पईसा बारे सेठ की सिक्‍कान ते भरी थैली कहीं पै गिरगी। सेठ मन ही मन में भगवान ते पिराथना कर्रौ कै ई थैली मोय मिल जाय तौ परसाद चढाऊंगौ, गरीबन कूं भोजन कराऊंगौ। भाग्य ते एक गरीब बेरोजकार मांईसै ऊ मिलगी। थैली पै सेठ कौ नाम लिखरौ। ऊ बाय सेठ के घर लैकैं पौंहोंच गयौ। सेठ नै बू थैली खोलकैं देखी तौ चांदी के सिक्‍का बैसे के बैसे रखे। सेठ खुस हैगौ और बाकूं एक सिक्‍का दैबे लगौ। मांईस नै नाई कर दई। अगले दिना सेठ नै बू अपने घर भोजन करबे कूं बुलायौ। बू भोजन करबे चलेगौ। बाकूं भोजन करा दियौ। मांईस के जाबे ते पीछैं सेठ भूलगौ कै मैंनै मंदिर में भी कछू पिरवचन दिये। सेठ नै अपनी

मास्टर नै पढबे बारे ते बोलौ

मास्टर नै पढबे बारे ते बोलौ तू बडौ हैकैं काह करै। पढबे बारौ बोलौ भ्याह करुंगौ। मास्टर बोलौ मेरौ मतलब  है क्या बनोगे। पढबे बारौ बोलौ दूल्हा। मास्टर अबे मेरौ मतलब है कि बडौ हैकैं मम्मी पापा कूं काह करैगौ। पढबे बारौ बोलौ बहू लाउंगौ। मास्टर बोलौ हे भगवान अबे जिंदगी कौ काह मकसद है। पढबे बारौ बोलौ हम दो हमारे दो।

पप्पू अपने यार गोलू ते कहरौ

पप्पू अपने यार गोलू ते कहरौ मेरौ रजल्ट देखकैं आजा। अगर मैं एक बिसय में फैल हैगौ हूं तौ बोलियौ जय सिरी राम। अगर दो बिसय में फैल हैगौ हूं तौ बोलियौ रधे- राधे। अगर मैं तीन में फैल हुयौ हूं तौ बोलियौ भिरम्‍मा बिसनु, महेस। तौ पप्‍पू रजल्ट देखकैं आयौ तौ गोलू नै पूछी काह रई भईया। गोलू बोलौ सच्‍चे दरबार की जय सब में फैल।