बिरजभासा में भजन

ओ ग्वालन मनय माखण दे

तोड़- ओ ग्वालन मनय माखण दे,

माखन दे जरा चाखन दे

तुम गेल हमारी रोको नहीं मनय दध चाखन दे॥

माखन तनक चखा दे बताऊ तनय बात,

जब छोडगो ग्वालिन तेरो हाथ।

तोड़- जरा मान जा पहचान जा,

बडी जोर की भूख लगी तु अव तो माखन खामण दे॥

2. इकली तो मत जाने कान्हा मोय

ऐसो मजा चखा दूंगी में तोय ।।

तोड़- जरा मान जा पहचान जा

जा़ जशोदा ते कह दूंगी मनय वापिस घर कूँ आमण दे।

3. के माँगे माखन को वता दे मोल,

चुप खड़ी क्यों होगी कुछ तो बोल।

तोड़- जरा बोल दे मुख खोल दे,

ग्वाल वाल सब भूखे सय,इन कू माखन खामण दे।।

ऊगंली पै लियो उठाये गिरवर बंशी बारे नै

टेक- ऊगंली पै लियो उठाये गिरवर बंशी बारे नै,

इन्द्र का कोप बडा भारी,

बचाये डूबत नर नारी।

तोड़- भक्तन की करी सहाय मोहन वंशी बारे नै।

बीच में मोहन प्यारा है,

ग्वालों का लिया सहारा है।

तोड़- जानें ऊंगली तो लई लगाय मोहन बंशी बारे नै।

लगे जब ब्रज में जयकारे,

खुशी हुये जशोदा के जाये।

तोड़- जाने लाठी तो लई लगाय मोहन बंशी बारे नै॥

इन्द्र को मान घटाओ है,

गोवर्धन भोग लगाओ है।

तोड़- दीनो गिरवर नाम धराय मोहन बंशी बारे ने।

आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती

टेक- आज समय की घन्टी रे बिन चाबी के बजती,

छोरा रहे अंगूठा ठेक रे छोरी- बी.ए , में पढती,

1.समय- समय की बात रै छोरी फौजन में भर्ती ,

सीना तान चले ना अब ये शेरन से डरती,

तोड़- बन्दूक लेली इनने हाथ में अब ये बॉर्डर पै लड़ती।

2 . सास-ससुर और जेठ बडे को ना समझें कायदा,

बैठ सिराने पूछें पानी लाँऊ का दादा,

तोड़- इनकी अक्ल बिगडती जारी ना संईया से डरती।

3. साडी पैलर छोड दिये अब पहरें जींस भिचेमा,

हैप्पी बार कटाय लगा लिये आँखन पै चश्मा,

तोड़- सैण्डल ऊँची पहन चाल ये इतरा के चलती।

अरे मेरी कर दई नींद हराम कन्हैया वंशी बारे नै

टेक:- अरे मेरी कर दई नींद हराम कन्हैया वंशी बारे नै,

दिन बर याद सताबें मोकूँ,

सांची बात बतांऊ में तोकूं।

तोड़- मेरे छूटे काम तमाम ....,

रांतू जगू नींद ना आवें,

उढ- उढ महल तिवारों खावें।

तोड़- मेरे सभी विगड़े काम.....

जब याद श्याम की आवे,

खानो- पीनो मोय ना भाबे।

तोड़- में तो रूटूं श्याम को नाम....

दुनिया कहे में दीवानी,

वेदर्दी ने ना मन की जानी।

तोड़- में तो जाऊँ उसी के गाँव।