छोटी-छोटी गइया छोटे-छोटे ग्वाल

छोटी-छोटी गइया छोटे-छोटे ग्वाल

छोटी-छोटी गइया छोटे-छोटे ग्वाल
छोटौ सो मेरौ मदन गोपाल

आगे-आगे गइया, पीछे-पीछे ग्वाल
बीच में मेरो मदन गोपाल
छोटी-छोटी गइया

काली-काली गइया गोरे-गोरे ग्वाल
श्याम वरन मेरौ मदन गोपाल
छोटी-छोटी गइया... छोटौ सै मैरो

घास खाएँ गइया, दूध पीवे ग्वाल
माखन तो खावै मेरौ मदन गोपाल
छोटी-छोटी गइया... छोटौ सै मैरो

छोटी-छोटी लकुटी, छोटे-छोटे हाथ
बंसी बजावे मेरौ मदन गोपाल
छोटी-छोटी गइया... छोटौ सै मैरो

सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया

सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया

सुन मेरी मैया, मैं पडूँ तेरे पैंया
मेरो छोटौ सौ काम कराय दै
राधा गोरी से ब्याह रचाय दै

राधा-सी गोरी मेरे मन में बसी है
ग्वाल उड़ावे नहीं मेरी हँसी है
मौकूँ छोटी-सी दुल्हनियाँ लाय दै
अपने हाथों से दुल्हा बनाय दै

सेवा-वो मैया तेरी रोज करेगी
जोड़ी तो मैया मेरी खूब जमेगी
नन्द बाबा कूँ तू नेंक समझाय दै
दाऊ भैया कूँ नेंक संग पठाय दै

रघुनन्दन फूले ना समाय लगन आई हरे-हरे

रघुनन्दन फूले ना समाय
लगन आई हरे-हरे
लगन आई मोरे अँगना

बाबा सज गए, ताऊ सज गए
सज गयी सारी बरात
हो रघुनन्दन तो ऐसे सज गए
जैसे श्री भगवान्

लगन आई हरे-हरे
लगन आई मोरे अँगना

रघुनन्दन फूले ना समाय
लगन आई हरे-हरे
लगन आई मोरे अँगना

पापा सज गए, चाचा सज गए
सज गयी सारी बरात
हो रघुनन्दन तो ऐसे सज गए
जैसे श्री भगवान्

लगन आई हरे-हरे
लगन आई मोरे अँगना

रघुनन्दन फूले ना समाय
लगन आई हरे-हरे
लगन आई मोरे अँगना

बिरज भासा में स्लोगन

  1. देखो समझो बात म्हारी,
    बिरज भासा ऐ सबते प्यारी।
  2. दूसरी भासा की बात समझ में ना आवै,
    तब अपनी मात्तर भासा कौ महत्व याद आवै।
  3. हर कंकड़ में ऐ बिरज भासा बसी,