जीत कौ रहस्य

एक बेर एक दस साल के बालक नै जूडो की टिरैनिंग करबे कौ फैसलौ कर लियौ। जबकि बाकौ सीधौ हाथ कार की टक्कर में कटगौ। बाकी जूडो की टिरैनिंग बाके गुरु नै चालू कर दी। तीन महीना तक बाकौ गुरु केवल एक ही दाव सिखातौ रयौ। जब बानै याके बारे में अपने गुरु ते पूछी तौ बानै कही तोकूं तौ यही मूव सीखनौ काफी है। बालक नैय गु

करज की सान

एक दिना इसकूल के बालकिन्‍नै घूम्बे कौ विचार बनायौ और वामै सब चीच खाबे की अपने-अपने घरन ते लाबे की कही। तौ उनमें ते एक बालक अपने घर कूँ गयौ और अपनी मईया कूँ सबरी बात बताई। बालक की बातै सुनकैं मईया चिंता में परगी। क्योंकि वाके घर खछू भी नाऔ पर थोरे से खजूरे। पर मईया नै सोची खजूर बढिया ना रिंहगे। साम कूँ

बिरजभासा में पहेली

1. रस दे गोरी मसके ते, तेरे मसकन हारे तीन, बकनौ रसिया या ऐ मत जानौ अरे ईख पै धर कैं पहचानौ।
अर्थ-  चरखी।

च्यार मटका

भौत पुरानी बात ऐ। कोई गांम में एक कुम्हार रहबैऔ। ऊ मट्‍टी के बरतन बनाबैऔ। जाडेन के दिना में बानै मट्‍टी के भौत बढिया और लम्बे च्यार मटका बनाये। कुम्हार के और बरतन तौ खूब बिकते पर इन मटकान कौ कोई लैबार नाऔ। तौ एक दिना ये च्यारों मटका अकेले ही रहगे। तौ मटका अकेलेपन मिटाबे कूं आपस में बात करबे लगे। तौ पहलौ मटका बोलौ मैं तौ एक अच्‍छी सी मूरती बननौ चाहबैऔ जाते कोई अमीर के घर की सोभा बढातौ जाते लोग मोय देखबे कूं आते और मैं गर्व महसूस करतौ। पर मैं तौ एक मटका ही बनगौ जाय कोई भी ना पूछै। जभी दूसरे मटका नै अपनी परेसानी बताई और बोलौ मेरी तौ किस्मत खराब है। मैं तौ एक दियौ बनत