छोटी सी किशोरी  मेरे अँगना में खेले री

टेक- छोटी सी किशोरी …
छोटी सी किशोरी  मेरे अँगना में खेले री।
पैरो में पैंजानिया, छम-छम डोले री।

मैंने वासे पूछा लाली क्या है तेरा नाम री,
वह मुसका के मुझसे बोली राधा मेरा नाम जी।

मैंने वासे पूछा छो मैंने वासे पूछा गोरी क्या है तेरा गाम री,
वह इठला के मुझसे बोली बरसाना मेरा गाम जी।
री क्या है तेरा गाम री,

वह इठला के मुझसे बोली बरसाना मेरा गाम जी।
मैंने वासे पूछा राधे कहाँ तेरा ससुराल री,
नयन नचा के मुझसे बोली नन्द ग्राम ससुराल जी।

बिरजभासा में सुवविचार पेज-4

  • बिना हुनर के बुराई तो कोई की भी कर सकैं हैं, कोई की तारीफ करबे काजैं जिगर चहियै।
  • दिल के रिस्ते तौ किस्मत ते बनै हैं, वरना जीवन में मुलाकात तौ करोड़न ते हैबै है।
  • अगर इंसान

जल की मछरियाँ सासुल, बिकन को आईं जी

जल की मछरियाँ सासुल, बिकन को आईं जी
कोई हमें हू दिवाय देओ सासुल जल की मछरियाँ जी
आज नहीं लेंगे बहुअर, कल नहीं लेंगे जी
कोई परसों को लेंगे बहुअर, जल की मछरियाँ जी
बारह बरस पीछे राजा घर आए जी
कोई हम हू चलेंगे सासुल, राजा जी की बगिया जी
आज नहीं जाएँगे बहुअर, कल नहीं जाएँगे जी
कोई परसों को जाएँगे बहुअर, बेटा जी की बगिया जी
कोई बारह बरस पीछे हम घर आए जी
ए जी कहीं भी न दीखे अम्मा, सासुल जाई जी
सासुल जाई बेटा गर्ब हठीली जी
कोई सोई पड़ी है बेटा, ऊंची अटरिया जी

पईसा ही सब कछु नाय

राम एक दस साल कौ लड़का हौ, बू अपने मां-बाप कौ अकेलौ बेटा हौ, राम कौ पिता एक भौत व्यस्त बौपारी हौ जौ अपने बेटा के संग टैम ना बिता सकौ। बू राम सोबे के बाद घर आबै हौ, और सुबह उठबे ते पहले ही ऑफीस चलौ जाबै हौ। बू अपने दोस्तन के संग बाहर जाबै हौ अपने पिता के संग खेलनौ चाहबे हौ।

आई बागों में बहार

आई बागों में बहार
आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी
झूले राधा प्यारी, हाँ झूले राधा प्यारी || आई बागों में ...........

सावन की ऋतु है आई, घनघोर घटा नभ छाई
ठंडी-ठंडी पड़े फुहार, झूला झूले राधा प्यारी || आई बागों में ...........

हो मस्त मोर यूँ नाचे, मोहन की मुरलिया बाजे
कू-कू कोयल करे पुकार, झूला झूले राधा प्यारी || आई बागों में ...........

सब सज रहीं नार नबेली, नटखट करते अठखेली