आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है, मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है, मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है
1.फूलों में महक तुम से,तालों में चमक तुमसे
महक तो बता बाबा,तुम कहां पर नहीं रहते
तुम नहीं होते तो दुनिया नहीं रहती
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

2. फूलों में महक तुमसे,तालों में चमक तुमसे
चन्दा में ललक तुमसे,सूर्य में चमक तुमसे
बरफों में सीतलता,अग्‍नि में धधक तुमसे
आल तुम्हारी है विस्वास तुम्हारा है,
मेरे सिवाय बाबा अब कौन हमारा है

बिरजभासा में सुवविचार पेज-1

1. काबिल लोग ना तो कोईयै दबामै और ना ही कोई ते दबैं।

2. जमानौ भी अजीब हैं, नाकामयाब लोगन कौ मज़ाक उड़ाबै और कामयाब लोगन ते जलै।

हरीसचन्द राजा की सुन लो कहानी

टेक - हरीसचन्द राजा की सुन लो कहानी कासी में जाके बिके ते तीनौं पिरानी कहा लागै लाला और काह लागै रानी और काह लागै हरीसचन्द ग्यानी
1. सौ लागै लाला पान सै लागै रानी, हजार लागै राजा हरीसचन्द ग्यानी
किसने लीने लाला और किसने लीनी रानी, किसने लीने राजा हरीसचन्द 
2. पंडित लीने लाला और मालिन लीनी रानी
भंगी नै लीने राजा हरीसचन्द ग्यानी कहा करै रानी और काह करै राजा  हरीसचन्द ग्यानी 
3. पोथी बांचै लाला और फूल तोरै रानी और पानी भरै राजा हरीसचन्द ग्यानी हरीसचन्द राजा की सुन लेऔ कहानी कासी में जाके बिक तीनों पिरानी।